ऐसा हो संकल्प हमारा
प्रियांशी प्रिया (हाजीपुर, बिहार)
हम सब बालक मातृभूमि के चरणों में नतमस्तक ।
सेवा करने को संकल्पित नही भूलेंगे भरसक ।।
यही दृढ़ संकल्प हमारा हम सब बने महान ।
जिससे बने देश भक्त हम देखे सकल जहान ।।
लेकिन सभी अपेक्षा रखते शिक्षा बने सुधारक ।
जीवनदायक जन सुखदायक और चरित उन्नायक ।।
ज्ञान ज्योति फैले घर – घर में नहीं रहे बेकारी ।
कर्त्तव्य निष्ठ हों सभी देश के सेवक जो सरकारी ।।
सभी चाहते हैं मजबूती , जनतंत्र भारत में ।
अनुशासित नैतिक हो मानव , परिपूर्ण कर्त्तव्य बोध से ।।
जनआकांक्षा और सुरक्षा को सम्मान जरूरी ।
आकण्ठ डूबता देश हमारा जीना है मजबूरी ।।
मां शारदा । तूही सहारा युवा छात्र – छात्राएँ ।
देश बने आदर्श विश्व में सब मिल इसे बनाएँ ।।