देश हमारा -2
देश हमारा प्यारा है ,
सब देशों से न्यारा है ।
गाता नित जग , सारा है ,
यह आँखों का तारा है ।।
धरती इसकी हरी – भरी ,
रजत – स्वर्ण से भरी पड़ी ।
हिमगिरि की श्रृंखला खड़ी ,
रक्षा में नित लगी रही ।।
तीन ओर सागर का जल ,
गंगा यमुना का निर्मल ।
नदियाँ बहती है कलकल ,
धोती है धरती का मल ।।
अगनित भाषा इसका स्वर ,
कितने मजहब हैं अन्दर ।
सब में भाव एक ही मुखरित ,
एक ही अल्ला एक ईश्वर ।।
राम , कृष्णा , बुद्ध और गाँधी ,
वीर भगत नेता फौलादी ।
व्यास , सूर , तुलसी कबीर ने ,
भक्ति की किरणे फैलादी ।।
गाँधी , देश रत्न से नेता ,
न्याय नीति के सफल प्रणेता ।
सत्य अहिंसा और प्रेम की ,
सच्ची सीख हमें है देता ।।
हम इस पर उत्सर्ग करेंगे ,
तन – मन – धन सर्वस्व निछावर ।
सदा पूज्य भारत की धरती ,
याद रखें हम इसे बराबर ।।