मेरा देश – 2

  सबको देता है संदेश ।

 मेरा प्यारा भारत देश ।।

 उत्तर में है खड़ा हिमालय ।

 दक्षिण सागर है लहराता ।

 सरिता , पर्वत , उपवन , जंगल ।

 उस पर बादल जल बरसाता ।।

 हरित खेत में झूम रही है ,

 सोने सी गेहूँ की बाली ।

 पीले फूलों से लदकर है ,

 खेल रही सरसो की डाली ।।

 मंद पवन पंखा झलता है ,

 नदियाँ अपनी गोद खेलाती ।

 विविध वनस्पति पंछी इसमें ,

 तरह – तरह के राग सुनाती ।।

 यहाँ विविध ऋतुओं की शोभा ,

 रवि – रश्मि की छटा निराली ,

 पंछी के कलख से गुंजी ,

 शस्य श्यामला धरती प्यारी ।।

 ऐसा सुन्दर देश हमारा ,

 राम कृष्णा जिसके हैं लाल ।

 जिनकी महिमा ग्रंथ गा रहे ,

 सुनकर होते सदा निहाल ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *