राम नवमी

 चैतमास मधुमास कहाता ।

 ऋतु बसन्त शोभा सरसाता ।।

 नयी फसल कट गयी खेत से ।

 धूल उड़ रही तेज रेत से ।।

 लोग वसन्ती कपड़े पहने ।

 चले मस्त हो मेला घूमने ।।

 आज राम का जन्म दिन है ।

 इसे भुलाना बड़ा कठिन है ।।

 घर – घर में पकवान बने हैं ।

 चैतावर के धूम मचे हैं ।।

 अयोध्या , चित्रकूट , रामचौड़ा ।

 यादगार बनकर है खड़ा ।।

 जहाँ देव की जन्मभूमि है ।

 धूल वहाँ की परम विभूति है ।।

 अन्न पूर्ण भारत की धरनी ।

 है पवित्र दिवस रामनवमी ।।

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