होली का दृश्य
होली आने वाली है ।
पॉकिट मेरी खाली है ।।
गली – गली में , हाट – बाट में ,
फैल रही खुशियाली हैं ।
पेड़ो पर फूलों की लाली ,
खेतों में हरियाली है ।
बागों में भौरों का गुंजन ,
कोयल भी मतवाली है ।
लड़के दरवाजे पर आयें ,
लिए हाथ मे झोली हैं ।
गाते गीत मनोहर हिल मिल ,
आज लोग की टोली है ।
लेकर रंग गुलाल मशाले ,
खेल रहे सब होली है ।
रंगे – रंगीले कपड़े पहने ,
सबकी बोल रसीली है ।
ढोल झाल पर झूम रहे है ,
पीकर भंग सब घूम रहे है ।
खा – पीकर सब स्नेह भाव से
हर दूजे को चूम रहे हैं ।
होली है हिलने – मिलने का ,
सबसे सुन्दर पर्व निराला ।
मिल जुलकर हम इसे मनाएँ
भेव – भाव को कभी न लाना ।
मम्मी ने पकवान खिलाया ।
भैया ने पिचकारी लादी ।
भाभी ने हमसब को छिपकर
उस दिन रंगों से नहलादी ।।
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