बाजार की सैर
छुट्टी का दिन था एतवार ।
मम्मी पापा चले बाजार ।।
साथ लगी फिर गुड़िया रानी ।
करने लगी बहुत मनमानी ।।
बोली मुझे – खिलौने लूँगी ।
उसमें से भैया को दूंगी ।।
चढ़कर रिक्शा पर वे तीन ।
गये सिनेमा हॉल नवीन ।।
फिल्म लगी थी उसमे साजन ।
गीत सभी उसके मन भावन ।।
इन्टरभल में लिया बादाम ।
लेकर पापा जी का नाम ।।
खेल – कूद करके जलपान ।
लेकर लौटे खुशी महान ।।
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