फल परिवार
गाँवों की उपजाउ धरती ,
फल – फूलों से सुन्दर लगती ।
खेतों की है घटा निराली ,
झूम रही फसलों की बाली ।।
बागों में फल की भरमार ,
कागजी नींबू और अनार ।
झुक गये अमरुदों से डाल
लीची से बगिया है लाल ।।
आमों की गिनती मत पूछो ,
बीजू कलमी पर कुछ सोचो ।
लंगड़ा सिपिया बथुआ आम
मालदह , सुकुल गंगाराम ।।
कृष्णाभोग , जर्दा , दशहरी ,
कुतुर – कुतुर खाये गिलहरी ।
सेब , संतरा और बादाम ,
काजू , किशमिश मेवा नाम ।।
केले की मत पूछो भाई ,
सबने इसकी महिमा गायी ।
खट्टी इमली डोल रही है ,
बच्चों के मन मोह रही है ।।
बेर , करौंदा , और सतालू ,
तूत , आँवला और सपाटू ।
खीरा , लालमी वो तरबूजा ,
इसकी तुलना करे न दूजा ।।
नासपाती बरसाती फल है ,
अनानास और कटहल है ।
जामुन और फालसा प्यारा ,
बेल , पपीता और सिंघारा ।।
ये फल जीवन सफल बनाते ,
सभी रोग को दूर भगाते ।
बच्चों रोज एक फल खाना ,
डॉक्टर के घर कभी न जाना ।।
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