मुबारकबाद
कहते सभी मुबारकबाद ।
नये वर्ष का नूतन स्वाद ।।
कहते है सब वर्ष नया है ।
और पुराना चला गया है ।।
लेकर आया मन में हर्ष ।
मूर्गों का कैसा नव वर्ष ।।
सभी चौक पर चहल – पहल है ।
दारु भट्ठी रंग महल है ।।
खाते , पीते सभी शराब ।
अच्छा हो , या लगे खराब ।
पीना तो है बहुत जरुरी ।
दोस्तों की है यह मजबूरी ।।
चले नशे में हो भरपूर ।
गिरे सड़क पर चकनाचूर ।।
करते जीवन को बर्वाद ।
मित्रों , तुझे मुबारकबाद ।।
पर्व मनाना , सबकुछ खाना ।
आदत बुरी नहीं अपनाना ।।
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