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 बरसात

 गर्मी गयी , आयी बरसात ।

 पानी पड़ता है दिन – रात ।।

 काले बादल घूम रहे हैं ।

 धरती को वे चूम रहे हैं ।।

 बच्चे खुश हो नाचे गायें ।

 बिजली चमके जी घबड़ायें ।।

 कितनी अच्छी वर्षा आयी ।

 खेतों में हरियाली छायी ।।

 खेत देखने चला किसान ।

 घर से निकला छतरी तान ।।

 बैठे – बैठे बज गये चार ।

 नहीं लगेगा आज बाजार ।।

 सड़कों पर है बहता पानी ।

 बच्चों को होती हैरानी ।।

 नहीं बना दरिया पर पुल ।

 कैसे जाये हम स्कूल ।।

2 thoughts on “ बरसात , गर्मी गयी,आयी बरसात,पानी पड़ता है दिन – रात ।”
  1. Have you ever heard of second life (sl for short). It is basically a game where you can do anything you want. SL is literally my second life (pun intended lol). If you want to see more you can see these Second Life authors and blogs

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