नया वर्ष
गया दिसम्बर जनवरी आयी ।
घर – घर में खुशियाली छायी ।।
छूट रहा है आज पटाखा ।
खत्म हुआ सब कष्ट निराशा ।।
खायें , खेले लिए पतंग ।
हर दिल में है नया उमंग ।।
छुट्टी का दिन आज मनाओ ।।
घर बैठे खुद राह बनाओ ।।
बना रहे जीवन में हर्ष ।
यही सिखाता नूतन वर्ष ।।