खेत खलिहान
उठो सबेरे हुआ बिहान ।
खेती करने चला किसान ।।
कृषि प्रधान देश की गरिमा ।
हरित क्रान्ति की है यह महिमा ।।
हरी – भरी है खेत हमारी ।
भरा – पड़ा भंडार बखारी ।।
प्रगत देश की यह पहचान ।
हमें दिलाता खलिहान ।।
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उठो सबेरे हुआ बिहान ।
खेती करने चला किसान ।।
कृषि प्रधान देश की गरिमा ।
हरित क्रान्ति की है यह महिमा ।।
हरी – भरी है खेत हमारी ।
भरा – पड़ा भंडार बखारी ।।
प्रगत देश की यह पहचान ।
हमें दिलाता खलिहान ।।