खेत खलिहान Agricultural feilds hindi poems poetry kavita balkavita Dr. G. Bhakta बालकविता

खेत खलिहान

 उठो सबेरे हुआ बिहान ।

 खेती करने चला किसान ।।

 कृषि प्रधान देश की गरिमा ।

 हरित क्रान्ति की है यह महिमा ।।

 हरी – भरी है खेत हमारी ।

 भरा – पड़ा भंडार बखारी ।।

 प्रगत देश की यह पहचान ।

 हमें दिलाता खलिहान ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *