स्वतन्त्रता और स्वतंत्रता दिवस
स्वतन्त्रता एक शब्द है ।
जिसका एक खास महत्व है ।।
इसकी रक्षा हमारा कर्तव्य है ।
ऐसा नेताओं का वक्त्व्य है।।
देश हमारा स्वतंत्र है।
इसपर भी छाया आतंक है।।
हर दिशाओ से घिरा है देश।
ऐसा बना है इसका परिवेश ।।
दिनता बेरोज़गारी और महामारी।
बढ़ती आबादी पर संकट है भारी।।
देश पर दुर्दिन के बादल मंडराते।
अनैतिक व्यापार से लोग घबरातें।।
दिक्षा से गई गुनवता की गरिमा ।
कोरोना मिटायी चिकित्सा की महिमा।।
नेता गवये गणतंत्र का गौरव।
राजनीती झेलती गठबंधन का रोख।।
लाकडॉन की कारा से कहती जयहिंद ।
माँ भारती के चरणों में अर्पित है नींद।।
है देश की जननी करता है देश नमन ।
हरलो दुःख दर्द फैलाओ नित अमन ।।
तिरंगा यह हिंद का चाहता है चैन ।
समता समरता की सरिता दिन रैन ।।
Jai Hind 🇮🇳