बस एक तमन्ना
बस एक तमन्ना जीवन की,
मरने से पहले कुछ कर जाऊँ,
है कदम-2 पर जो शूल मिलीं,
उन्हें फूलों में बदल जाऊँ,
फिर मौत बड़ी आसान होगी,
मंजिल ही मेरी कारवां होगी,
हर रास्ता अंगारो का,
शबनम बनता चला जाएगा,
न जाने एक प्यासे की,
कब तमन्ना रूपक प्यास बुझेगी,
एक आशा पूरी होकर कब नई आस जगेगी,
आखिर कब तक मैं,
अंदर-2 घुट-2 कर मरता जाऊँ,
आखिर क्यों इंसान की एक तमन्ना होती हैं,
आखिर क्यों उसकी हर उम्मीद, बनी सपना होती है,
तब तक इंसान की, बहुत तमन्नाएँ होंगी,
उसे पूर्ण करने में मानव जीवन बर्बाद करेगा,
कर इच्छा का नाश अगर बढ़ना है आगे,
कर मेहनत इतनी की तेरी, दुनिया करे पूजा,
बन ऐसा की सम्पूर्ण विश्व में,
मुझसा न हो कोई दूजा ।
Aditya Raj
Jnv Saran Bihar (2012-19)
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