भौतिक का इतिहास
क्षितिज उपाध्याय “किशोर”
ज्यों-ज्यों आए भौतिक का याद,
त्यों-त्यों दिल धड़के।
बिना बादल बरसात रात भर,
बिजली-सी कड़के।
काश इस धरती पर Newton,
पैदा न होता।
भौतिक का जन्म न होता।
काश उस दिन,
सेब के जगह,
बम गिरा होता।
भौतिक न होता।
काश इस धरती पर Newton,
पैदा न होता।
वे तो लिखकर चला गया,
मुश्किल हम पर मंडराई।
एक अकेली जान ,
Newton के इतने सारे पोथे।
काश इस धरती पर Newton,
पैदा न होता।
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