Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

कितने अपने से लगते हो तुम

कितने अपने से लगते हो तुम बिपिन कुमार (पटना, बिहार) कितने अपने से लगते हो तुमजबकि जालिम दुनिया की नजरों मेंकितना जुदा मुझसे रहते हो तुम ।न मिलना एक पल…

मुझे मत मारो, मुझे मत मारो पापा, मेरा कुसूर तो बता दो पापा ।

मुझे मत मारो नीती यादव (सारण, बिहार) मुझे मत मारो पापा, मेरा कुसूर तो बता दो पापा ।। क्या हक नही मुझे इस धरती पर आने का ? मेरा क्या…

आज जब स्वपन में आओ तो थोड़ा ठहर के जाना

आज जब स्वपन में आओ तो थोड़ा ठहर के जाना भूपाल सिंह फौजदार (भरतपुर, राजस्थान) आज जब स्वपन में आओ तो थोड़ा ठहर के जाना ।तुमसे तुम्हारी एक शिकायत करनी…

विघटन कारी शक्तियाँ और सहिंसा, आतंक वाद से डरो मत

विघटन कारी शक्तियाँ और सहिंसा डा. जी. भक्त आतंक वाद से डरो मत ,अहिंसा का व्रत अपनाओ ।क्रोध , लोभ अपमान भूलकरसतत प्रेम का क्षेत्र बढ़ाओ ।।जीना है तो त्याग…

स्वतंत्र भारत, तुझे नमन ! तेरा खिला रहे चमन !! हम एक अरब चालीस करोड़ जन ।

स्वतंत्र भारत डा. जी. भक्त तुझे नमन ! तेरा खिला रहे चमन !! हम एक अरब चालीस करोड़ जन ।जो रच रहे अपना सुखमय जीवन ।। खेत खलिहान वन बाग…

रक्षाबन्धन, आया राखी का त्योहार, खूब सजा है शहर बाजार ।

रक्षाबन्धन डा. जी. भक्त (वैशाली, बिहार) आया राखी का त्योहार ।खूब सजा है शहर बाजार ।।निखर रहा बहनों का प्यार ।घर- घर में फैला मनुहार ।।इसे बनाओं मत व्यापार ।पर्व…