“मुझे थोड़ा और रुकना था”
“मुझे थोड़ा और रुकना था” प्रियशी सूत्रधर (धलाई, त्रिपुरा) “मुझे थोड़ा और रुकना था”प्रियशी सूत्रधर,आखिर एक दिनमेरे दिमाग ने दिल सेयह सवाल पूछ ही लिया,आखिर तुमने खोया ही क्या ?जो…
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हिंदी कविता
“मुझे थोड़ा और रुकना था” प्रियशी सूत्रधर (धलाई, त्रिपुरा) “मुझे थोड़ा और रुकना था”प्रियशी सूत्रधर,आखिर एक दिनमेरे दिमाग ने दिल सेयह सवाल पूछ ही लिया,आखिर तुमने खोया ही क्या ?जो…
पुत्र V/S कोरोना राजु कुमार राम ( सिवान, बिहार ) बड़ी मुश्किल से एक चिराग जला था ।उसे हरपल कोरोना से बचाया था,सब लोगो ने ये जाना था ।कोरोना संकट…
कितने अपने से लगते हो तुम बिपिन कुमार (पटना, बिहार) कितने अपने से लगते हो तुमजबकि जालिम दुनिया की नजरों मेंकितना जुदा मुझसे रहते हो तुम ।न मिलना एक पल…
मुझे मत मारो नीती यादव (सारण, बिहार) मुझे मत मारो पापा, मेरा कुसूर तो बता दो पापा ।। क्या हक नही मुझे इस धरती पर आने का ? मेरा क्या…
आज जब स्वपन में आओ तो थोड़ा ठहर के जाना भूपाल सिंह फौजदार (भरतपुर, राजस्थान) आज जब स्वपन में आओ तो थोड़ा ठहर के जाना ।तुमसे तुम्हारी एक शिकायत करनी…
विघटन कारी शक्तियाँ और सहिंसा डा. जी. भक्त आतंक वाद से डरो मत ,अहिंसा का व्रत अपनाओ ।क्रोध , लोभ अपमान भूलकरसतत प्रेम का क्षेत्र बढ़ाओ ।।जीना है तो त्याग…