दोस्त
दोस्त(ii) क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर आदमी के दोस्त एक संबधी होता है। दोस्ती टूटने से , पहले संबध टूटता है। संबध से पहले, विश्वास से पहले, दिल। अलग होता है,…
Poets Community
हिंदी कविता
दोस्त(ii) क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर आदमी के दोस्त एक संबधी होता है। दोस्ती टूटने से , पहले संबध टूटता है। संबध से पहले, विश्वास से पहले, दिल। अलग होता है,…
दोस्त क्षितिज उपाध्याय “किशोर” आदमी से आदमी, दोस्त से दोस्त, संबधी से संबधी, जुदा होता है। दोस्त से पहले, संबधी से पहले, आँखों से पहले, दिल। अलग-होता है, जैसे-पौधे से,…
आज का हिंदी दिवस क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कसम हिंदी की खाने को, बर्षो भर न निभाने को, पर क्या करने को? इंडिया हमारी कंन्ट्री है हिंदी बोलना हमारी ड्यूटी हैं…
दिल कहत हैं। क्षितिज उपाध्याय “किशोर” जरा आगे देखो, जरा गौर से देखो, जरा ध्यान से देखो, जरा मेरे रूप को देखो, जमानें के पीछे क्या हैं? मेरे आँखों को…
बच्ची के जन्म क्षितिज उपाध्याय “किशोर” आज अखबार में , यह खबर आई। लोगों ने अपनी, अंगुली चबाई। हंसाती हुई जन्मी, एक बच्ची। देखने में है, बहुत ही अच्छी। लोगों…
“बच्ची” माँ से क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरा जीवन कोरा कागज का, कोरा न रह जाये। मेरे जन्म से पहले, भ्रूण हत्या न किया जाये। मेरी जन्म बाद ही, आपकी खुशी…