Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

जिंदगी में कुछ करते जाओं

जिंदगी में कुछ करते जाओं क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मकसद खास होना चाहिए, जिंदगी जीने का, यारों। भरोसा मत करना, खुद से ज्यादा किसी पर, यारों। क्योंकि अंधेरें में परछाई भी…

रंग बदलती दुनिया

रंग बदलती दुनिया क्षितिज उपाध्याय “किशोर” इस रंग बदलती दुनिया, इंसान की नियत ठीक नही। क़भी वों देवता या फिर, कभी शैतान होता हैं। रंग बदलता गिरगिट-सा, अजब का वह…

नेता जी

नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” नेता बुजुर्ग , खुद को समझते है , जैसे चिड़ियों के बीच सुतुर्मुग , ये बुजुर्ग हड्डियों की ठठरी , उपदेश की गाठरी जब खोलते…

साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी

साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी, साड़ी ही की नारी है, नारी ही की साड़ी, पाँच गज…