सुरसरिता , नदियो में पानी है बहता , और झील में स्थिर रहता ।
सुरसरिता नदियो में पानी है बहता , और झील में स्थिर रहता । । जब पर्वत पर वर्फ पिघलता , तब धरती पर निर्झर झरता । । धरती के अंदर…
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हिंदी कविता
सुरसरिता नदियो में पानी है बहता , और झील में स्थिर रहता । । जब पर्वत पर वर्फ पिघलता , तब धरती पर निर्झर झरता । । धरती के अंदर…
नील गगन नील गगन , श्यामल भूतल है , नीला सागर ज्यों लहराता । सूरज चाँद पतंग सरीखे , किरण डोर पर है फहराता । । पवन मार्ग पर बादल…
मन्द पवन मंद पवन पट खोल रहा है , प्रियतम को आने की वेला । पपीहा गाती गीत विरह का , वन – उपवन में सदा अकेला । । वधु…
दोषी कौन इस विशाल भू – पटल पर , सामान्य है मानव का , पराकम है दानव का , भीषण प्रचंड शोषण , और फैलता प्रदूषण ! धरती , आकाश…
जन्मदिन का उपहार आया , जन्मदिन तुम्हारा , हर्ष भरा सुनहला प्यारा । आया जन्मदिन तुम्हारा । । तेरी यादों की गुनगुनाहट , तेरे ओठो की मुस्कुराहट । तेरी आँखों…
बोलती है आम जनता है जनमते एक जैसे . भेद जीवन में पनपता । जी सके उत्कर्ष लेकर मार्ग पर अपनी सजगता । । दीनता होती नहीं , बाधक जगत…