Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

कौमुदी महोत्सव Kaumudi Festival , शरच्चन्द्र की चारुचन्द्रिका उज्जवल धवल विमल वातायन ।

कौमुदी महोत्सव शरच्चन्द्र की चारुचन्द्रिका उज्जवल धवल विमल वातायन । पूनम का प्रमुदित नभमंडल सुरभित मुखरित कविकुल गायन ।। आज उपस्थित कुमुद कलिसम संकुल कविजन सुजनसुम्नसम । सभा मध्य संगीत…

दुर्गा पूजा ,देवि दुर्गा दिव्यता का पूंज है, नारियों में वीरता से पूर्ण हैं।

दुर्गा पूजा देवि दुर्गा दिव्यता का पूंज है । नारियों में वीरता से पूर्ण हैं । भारती भारत भवन में गुंज है । संस्कृति के भाव से अदुण्ण है ।।…

2 अक्टूबर , भारत की गरिमा हैं गाँधी जी, है गुर्जर एक प्रान्त देश का प्यारे बापू जहाँ पधारे ।

गाँधी जी के जन्म दिवस पर सृष्टि में , जन्म दिन सम्भावनाएँ लेकर आता है एवं मृत्यु में उसकी परिणति पाता है । कर्मयम प्रकृति जन्मदातृ है , तो जाकक…

अमृत वचन , सच्ची सीख और सीख , बच्चों सदा ध्यान से पढ़ना ।। व्यर्थ किसी से नहीं बिगड़ना ।

अमृत वचन प्रथम सफाई मन की कीजै । दूसर ध्यान बदन पर दीजै ।। तीसर वस्त्र , चौथा आचरण । पंचमशीलमधुर सम्भाषण । छठा विनय पूर्ण व्यवहार । सप्तम कीजै…

दोषी कौन , ये मानव तुम फैलकर सिमट रहे हो । तुम चढ़कर भी फिसल रहे हो ।

दोषी कौन इस विशाल भू – पटल पर साम्राज्य है मानव का , पराक्रम है दानव का । भीषण प्रचण्ड शोषण , और फैलता प्रदूषण । धरती आकाश और सागर…

मूर्छना के स्वर , ग्प्राज धिति को छोड़ दिग्गज लुप्त है । वेदना है , पीड़ बरवस गुप्त है ।

मूर्छना के स्वर ग्प्राज धिति को छोड़ दिग्गज लुप्त है । वेदना है , पीड़ बरवस गुप्त है । चेतना की चीख क्यों अब सुप्त हैं ? कल्पना के पंख…