सदाचार, है सुबह सुहाना , रोज नहाना ,लगता मुझको प्यारा ।
सदाचार है सुबह सुहाना , रोज नहाना , लगता मुझको प्यारा । स्वच्छ बनाता हमे सजाता , देता जीवन न्यारा ।। नियमवद्ध होकर चलना , सिखलाता हमको बढ़ना । दुनियाँ…
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हिंदी कविता
सदाचार है सुबह सुहाना , रोज नहाना , लगता मुझको प्यारा । स्वच्छ बनाता हमे सजाता , देता जीवन न्यारा ।। नियमवद्ध होकर चलना , सिखलाता हमको बढ़ना । दुनियाँ…
सब्जी संसार खेत हमारी हरी भरी है , उसमें गोभी लगी हुयी है । बैगन की मत पूछो भाई , सुन्दर लगती पीली राई ।। मूली गाजर और चुकन्दर ,…
वन जीवन एक दिन गाँव का चूहा निकला अपने बिल से । जाकर बोला भालू काका ! कहता हूँ मैं दिल से ।। बड़ा जुर्म है हम जीवों पर जीना…
फल परिवार गाँवों की उपजाउ धरती , फल – फूलों से सुन्दर लगती । खेतों की है घटा निराली , झूम रही फसलों की बाली ।। बागों में फल की…
तितली दीन हूँ मैं , गमगीन नहीं हूँ फूलों का शौकीन रही हूँ ।। चंचल और हसीन भली हूँ । नाजुक वो कमसीन सही हूँ । वसती हूँ मैं बागों…
जन्म दिन हुआ सवेरा आज मनोहर लेकर अपनी गोद धरोहर । गीत सुनाती किरणें आयी जीवन का संदेश सुनायी ।। आज मिठाई हम बाटेंगे , मिलजुल कर सब ही खायेंगे…