बिल्ली मौसी , रुबी चली बाजार खरीदने ,अपने लिए मिठाई । जैसे दरवाजे पर पहुँची, मिल गयी एक बिलाई ।
बिल्ली मौसी रुबी चली बाजार खरीदने , अपने लिए मिठाई । जैसे दरवाजे पर पहुँची , मिल गयी एक बिलाई ।। बोली बिल्ली तुझे पता है , आज तुम्हारे घर…
Poets Community
हिंदी कविता
बिल्ली मौसी रुबी चली बाजार खरीदने , अपने लिए मिठाई । जैसे दरवाजे पर पहुँची , मिल गयी एक बिलाई ।। बोली बिल्ली तुझे पता है , आज तुम्हारे घर…
बाजार की सैर छुट्टी का दिन था एतवार । मम्मी पापा चले बाजार ।। साथ लगी फिर गुड़िया रानी । करने लगी बहुत मनमानी ।। बोली मुझे – खिलौने लूँगी…
अपना गाँव अपना गाँव निराला है । चारो ओर उजाला है । बिजली की जगमग में देखो , हर मानव मतवाला है ।। घर में नारी खुशी मनाती , कृषक…
रक्षाबन्धन – 1 आया राखी का त्योहार , सुन्दर लगते घर बाजार । देखो बीता सावन मास , बहन संजोकर बैठी आस ।। भाई का करके अभिवंदन , लगा भाल…
ऋतुराज वसंत शिशिर समीर सुखद बह वायु । मधुमय सुरभित – पोषक आयु ।। विगत शीत उष्राता लाकर । वन उपवन जागृति जगाकर ।। विटप वृन्द वट पीपल पर्कट ।…
बरसात देखो आयी है बरसात , बूंदे पड़ती हैं दिन – रात । छायी हुई घटायें काली , दिन में फैल गयी अंघियाली ।। पानी पड़ता जोर – शोर से…