बच्चे दिल के सच्चे

आदित्य राज (हाजीपुर, बिहार)

हम सब बच्चे हैं ।
दिल के सच्चे हैं ।
होश कम हैं ।
लेकिन भावनाओं में दम हैं ।
आखिर तो हम बच्चें हैं ।
दिल के सच्चे हैं ।
खेलना मुझे पसन्द हैं ।
पढ़ाई से बहुत संबंध हैं ।
मोबाइल में अधिक आनंद हैं ।
क्योकि वैज्ञानिक युग के बच्चे हैं ।
मुझे कोरोना से डर नहीं ।
लॉकडाउन पसन्द नहीं ।
ऑन – लाइन पढ़ाई चल रही ।
किन्तु दुख है कि छुट्टी खत्म हुयी ।

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