मेरी जिंदगी

शालिन्दी (सिवान, बिहार)

अपनी जिन्दगी पे किताब लिखूंगी,
उसमे सारे हिसाब लिखूंगी,
प्यार में बेरोजगारी लिख कर ।

चाहतो को जिम्मेदारियों के बाद लिखूंगी । ।
अपनी जिन्दगी पे किताब लिखूंगी,
और हुई जिंदगी में कुछ ख़्वाब बर्बाद कैसे,

कैसे बिखरी हैं पड़ी हैं अधूरी ख्वाइशे लिखूंगी ।
अपनी जिंदगी में सफ़र बेहिसाब लिखूंगी । ।
और अपने अनुभवों को काम समझ कर,

जवाब में अपनी किस्मत खराब लिखूंगी ।
यार अपनी जिंदगी पे एक किताब लिखूंगी । ।

काव्य कुंज कलिका ( कविता संग्रह ) / Kavya Kunj Kalika (Poetry Collection)

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