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 होली 2

 करते आज ठिठोली हैं ।

 बुरा न माने होली है ।।

 यह बच्चों की टोली है ।

 रंग अबीर की झोली है ।

 खा – पीकर सब मस्त बने हैं ।

 गाते खूब रंगोली है ।।

 मस्ती में सब झूम रहे हैं ।

 बिगड़ी सब की बोली है ।

 बूढ़े बने जवान आज फिर ,

 बुढ़िया बन गयी छोड़ी है ।।

 सिर पर लाल गुलाल सभी के ।

 दिल में है उद्गार सभी के ।

 एक रंग में सभी रंगे है ,

 भेद भाव मिट गये सभी के ।।

One thought on “होली ,करते आज ठिठोली हैं,बुरा न माने होली है ।”

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