घड़ी हमारी Watch our hindi poems poetry kavita balkvita Dr. G. Bhakta Xitiz

 घड़ी हमारी

 घड़ी हमारी चलती है ।

 कभी नहीं यह थकती है ।।

 नित दिन टिक – टिक करती है ।

 मीठे स्वर से कहती है ।।

 उठो सवेरे घुमने जाओ ।

 ठंढ़े जल से खूब नहाओ ।।

 याद करो तुम अपना पाठ ।

 लेकर पुस्तक कॉपी साथ ।।

 ठीक समय विद्यालय जाओ ।

 एक मिनट मत व्यर्थ गँवाओ ।।

One thought on “घड़ी हमारी , घड़ी हमारी चलती है, कभी नहीं यह थकती है ।”

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