सदाचार virtue hindi poems poetry kavita balkvita Dr. G. Bhakta Xitiz

 सदाचार

 है सुबह सुहाना , रोज नहाना ,

 लगता मुझको प्यारा ।

 स्वच्छ बनाता हमे सजाता ,

 देता जीवन न्यारा ।।

 नियमवद्ध होकर चलना ,

 सिखलाता हमको बढ़ना ।

 दुनियाँ को सबकुछ देता है ,

 अच्छे ढंग से पढ़ना ।।

 जीवन का उद्देश्य यही है ,

 आलस को ठुकराना ।

 कठिन काम को गले लगाना ,

 दुर्दिन में मुस्काना ।।

 श्रेष्ठ जनों का आदर करना ,

 उज्जवल हमें बनाता ।

 आज्ञाकारी बनकर चलना ,

 अनुशासन बतलाता ।।

 संयम सेवा और सचाई ,

 ये अनमोल रतन हैं ।

 सुन्दर बोल , प्रेम और मेहनत ,

 जिसमें सही लगन है ।।

 सबसे प्यारा , देश दुलारा ,

 जो बनना चाहेगा ।

 त्याग और बलिदान भरा ,

 जीवन का पाठ पढ़ेगा ।।

 स्वार्थ भरे जीवन में उत्तम ,

 फल मिलना मुश्किल है ।

 सदा सिसकता आहें भरता ,

 जग में जो बुजदिल है ।।

 प्यारे बच्चों ! कभी न सोंचो ,

 बुरी बात को मन में ।

 जो बनना हो उन्नत तुमको ,

 इस मानव जीवन में ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *