गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष Republic Day and India Year hindi poems poetry kavita Dr. G. Bhakta happy republic day Xitiz

 गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष

 भारत के लिए गणतंत्र ।।

 संस्कृति का है मूलमंत्र ।।

 जनतंत्र का भाव है निर्मल ।

 त्रेता युग की कथा समुज्जवल ।।

 रधुकुल में थे नीतीवर नृपति ।

 थे विख्यात नाम वर सुमति ।।

 वैशाली के भूप सुशोमित ।

 शासित था प्रत्यक्ष गणतांत्रिक ।।

 सप्त सहस्त्र सत सप्त सप्त फिर ।

 सांसद करते थे शासन चिर ।।

 आयावर्त की गाथा महिमा ।

 गाती सदा बिहार की गरिमा ।।

 गदर अठारह सौ सत्तावन ।

 गरजा एक वार चम्पारण

 बापू का नंतृत्व वहाँ पर ।

 देश- -रत्न का सम्वल पाकर ।।

 सत्य अहिंसा के बल पर जब ।

 मिली आजादी भारत को तब ।।

 गणतंत्र का बना विधान ।

 लेकर उतरा लक्ष्य महान ।।

 सत्याग्रह में जन का साथ ।

 सत्ता में जन जन का हाथ ।।

 मताधिकार का संबल पाया ।

 भारत को गण राज्य बनाया ।।

 उन्नीस सौ बावन जनवरी ।।

 टूटी भारत माता की हथकड़ी ।।

 उस दिन हम गणतंत्र मनाएँ ।

 अपना राष्ट्र ध्वज लहराएँ ।।

 लेकिन , अपना कहते हम शरमाते ।

 उसके पीछे है कुछ बातें ।।

 पूराकर दिखलाना हमको ।

 एक पंथ अपनाना सबको ।।

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