छठ व्रत या सूर्योपासना Chhath Vrat or Suryopasana chhath puja Surya puja Hindi poem  Hindu festival

 छठ व्रत या सूर्योपासना

छठ व्रत त्योहार का राज

 भारत में है पूजा जाता ।

 चार दिनों का है त्योहार

 इसके पीछे लगी कतार ।।

 घर में तैयारी में व्यस्त

 मर्द खरीददारी में पस्त ।

 बीता वर्ष कोरोना ग्रस्त

 हर प्रकार से जीवन ध्वस्त ।।

 पर्व का रौनक लगता फीका

 एक सी हालत लोग सभी का ।

 लेकिन यह त्योहार महान

 कैसे ठुकराये हम जान ।।

 जन – धन – बल का दायक पर्व

 सभी मनाते इसे सहर्ष ।

 बड़ी रोमांचक कथा जुड़ी हैं

 पुराणों में यही सुनी है ।।

 रोग और संताप मिटाता

 दुखियों का दुख दूर भगाता ।।

 पौराणिक इतिहास बताता ,

 प्रियवेद नाम के राजा ।।

 उनकी रानी प्रिया मालिनी

 बीती उम्र उन्हें निःसंतान ही ।

 अंतिम क्षण में पाय लाल ,

 किन्तु काल ने किया निराश ।।

 त्यग्र दम्पति को समझाये ,

 षष्ठी तिथि का व्रत अपनाये ।

 पूर्ण हुयी अभिलाषा उनकी

 और अनेकों जन गण मन की ।।

 तब से है प्रचलन पर्व का

 जन धन और स्वस्थ जीवन का ।

 दाता बनी सूर्य षष्ठिका

 पालिका और अग की संरक्षिका ।

 डाला सूप अनेक प्रसाधन

 फल फूल मेवा हो पावन

 पान , प्रसाद , ऊँख और आदी

 मूल मिठाई केला गागल ।।

 घाट सजे , उपवन उद्यान

 गलियाँ पथ रथ शोभावान ।

 गोधूलि को अर्पित अर्ध

 बनिताएँ लौटी निज वास ।।

 प्रातः काल सूर्योदय होते

 अंतिम अर्ध समर्पित साथ ।।

 अन्य देव का पूजन अर्पण

 और विसर्जन पान प्रसाद ।।

 आदित्य देव का दर्शन पूजन

 भुवन भाष्कर का स्नान ।

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