गाँधी जी के जन्म दिवस पर, भारत की गरिमा हैं गाँधी जी 2 October Gandhi jayanti

गाँधी जी के जन्म दिवस पर

 सृष्टि में , जन्म दिन सम्भावनाएँ लेकर आता है एवं मृत्यु में उसकी परिणति पाता है । कर्मयम प्रकृति जन्मदातृ है , तो जाकक कर्म का विधाता बनता है । जब हम किसी का जन्म दिन मनाते हैं , तो उसकी सम्भावनाओं ( अप्रत्यक्ष ) के आलोक में उनके जीवन के श्रेय का माप तौल करते हैं । वह उनके सफल जीवन का आख्यान बनता है जिसका आलेख हमारी कविता बनती है । आइए , हम अपने देश के परम पूज्य एवं अनोखे चरित्र के उत्कर्ष के धनी राजनैतिक सन्त को शब्द चित्र में परखें ।

 भारत की गरिमा हैं गाँधी जी

 है गुर्जर एक प्रान्त देश का
 प्यारे बापू जहाँ पधारे ।
 नमन करे हम सब जन मिलकर
 जुड़े खड़े है जितने सारे ।।
 आज दुखी है उनको खोकर
 वे नेता थे सदा हमारे ।
 अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि
 कहाँ गये वह देश दुलारे ।।।
 जिनकी सच्ची सेवा भक्ति ,
 सत्य अहिंसा के दे नारे ।
 राष्ट्र पिता चल गये छोड़कर
 मरते राम नाम उच्चारे ।।
 कर साकार देश का सपना
 आजादी का , स्वर्ग सिघारे ।
 राम राज्य का मंत्र सिखाकर
 मुक्त कंठ से हमे पुकारे ।।
 युद्ध नही , प्रबुद्ध चेतना
 जगा गये वे जितने सारे ।
 उन्हें पूर्णता देनी हमको
 शिक्षा देकर बीच हमारे ।।
 खादी और बुनियादी शिक्षा ,
 सेवा और श्रमदान सफाई ।
 देश बढ़ेगा इससे आगे
 ऐसी सीख हमे सिखलाई ।।।
 आजादी की राह सादगी ,
 श्रम शक्ति स्वदेशी चिन्तन ।
 बापू के सद्वचन श्रेय से
 ला सकता है युग परिर्वतन ।।
 देकर अमर देन गये गाँधी
 रखना है स्मरण देश को ।
 मरते दम तक उनकी शिक्षा
 पर ही चलना है हम सबको ।।
 जबतक देश स्वतंत्र रहेगा
 अमर रहेगा उनका नाम ।
 जिससे गौरव बढ़े देश का
 करना हमको वैसा काम ।।
 गाँधी नही , गंघ सद्गुण के
 ऐसे परम पूज्य थे प्यारे ।
 नही मिलेगा ऐसा नायक
 राजनीति के सन्त हमारे ।।
2 October शान्ति सपूत लाल बहादुर शास्त्री Shanti Sute Lal Bahadur Shastri poem

शान्ति सपूत लाल बहादुर शास्त्री

है एक हिस्सा प्रेम का
अपिर्त उन्हें आज भी आज ही |
थे राष्ट्र के उत्कर्ष में
सच्चे समपिर्त साथ ही ||
है नाम जिनका लाल,
पक्के थे, बहादुर वीर भी ||
नेतृत्व जिनका है अमर
थे धीर भी गम्भीर भी ||
कुर्वान हो कर, शांति के
हितकार्य में सानंद वे |
सो गये सहर्ष महान
नायक देश के, लशकन्द में ||
गूँजी गगन में ध्वनि उनकी,
जो ह्रदय में थी महान |
छा गया दुनियाँ में नारा
जय जवान ! जय किसान !!

 ( डा ० जी ० भक्त )
2 thoughts on “2 अक्टूबर , भारत की गरिमा हैं गाँधी जी, है गुर्जर एक प्रान्त देश का प्यारे बापू जहाँ पधारे ।”
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