चला आया हूं दूर तुमसे,  तेरी बातें कितनी सताती है।  मां,  तेरी बहुत याद आती है।

चला आया हूं दूर तुमसे,
तेरी बातें कितनी सताती है।
मां,
तेरी बहुत याद आती है।

बेचैन हो जाती थी तू,
अगर तुमसे दूर हो जाता था।
थोड़ी सी पीटकर पापा से बचा लेती,
चाहे कैसा भी कसूर हो जाता था।
रात को खाना नहीं खाता था
तो आकर जगाती थी।
खा ले मेरे प्यारे बेटा,
ऐसा कहकर खिलाती थी।
तेरी बातें ही अब मुझे सुलाती है।
मां,
तेरी बहुत याद आती है।

तुम्हे डराने के लिए मै,
घर में कहीं छीप जाता था।
अच्छे से छीपना नहीं आता मुझे,
तुझे हर बार दिख जाता था।
तुम मेरी इन बातों पर हंस जाती,
पापा को बुलाकर,
ये सभी हरकेते दिखती।
तेरी याद ही मुझे घर बुलाती है।
मां,
तेरी बहुत याद आती है।

बचपन में मै भी अपने जिद पर अड जाता था।
आठ अन्ना देदे मलाई बर्फ खानी है,
ऐसा कहकर चिलता था।
चला जाता सुनसान जगह पर,
तो आने के बाद खूब समझती थी।
ना जाना वहां भूत रहता है,
ऐसा कहकर मुझे खूब डराती थी।
बचपन की यादें,
अभी भी दिल में शोर मचाती है।
मां,
तेरी बहुत याद आती है।

Ankit kumar
Jnv Saran Bihar
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